कबीर दास जी के दोहे
तन को जोगी सब करें, मन को बिरला कोई
सब सिद्धि सहजे पाइए, जे मन जोगी होइ।।
अर्थ :
शरीर पर भगवे वस्त्र धारण करना सरल है पर मन को योगी बनाना बिरले व्यक्तियों का ही काम है। यदि मन योगी हो जाए तो सारी सिद्धियाँ सहज ही प्राप्त हो जाती हैं।